• इस तीर्थ को गरुढ़ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
• तीर्थ में स्नान करने के बाद भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करने का विधान है।
• लोक मान्यताओं के अनुसार इस स्थल को और भीम के पुत्र घटोत्कच जन्म से जोड़ते हैं।
• तीर्थ परिसर से मध्यकालीन मृदभाण्ड मिलते हैं।