श्रीतीर्थ, मटोर, कैथल

श्रीतीर्थ, मटोर, कैथल

महाभारत के अनुसार संयमित हृदय वाला भक्त इस तीर्थ के जल में स्नान करने के बाद भरपूर धन और समृ(ि प्राप्त करता है।

नारद पुराण के अनुसार, भक्त इस तीर्थ के जल में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद हमेशा अपने साथ भगवान की उपस्थिति का अनुभव करता है।

यहां से प्रारंभिक मध्ययुगीन काल की ईंटें एवं 7वीं-8वीं शती ई. की एक देवी की मूर्ति का शिरोभाग मिला है।

तीर्थ परिवेश से आद्य-ऐतिहासिक काल के मध्य कालीन मद्भाण्ड एवं ईंटें मिली हैं।

Quick Navigation