- लोक मान्यता इस तीर्थ को लंका के राजा रावण के साथ जोड़ती हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि नंदी की अनुपस्थिति में रावण ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ नंदी की कोई मूर्ति नहीं है।
- वामन पुराण के अनुसार, यहां लिंग की स्थापना रुद्र ने की थी जो भक्तों के सभी पापों को दूर करने में सक्षम है।
- पुरातत्व की दृष्टि से इस स्थान के चारों ओर पहली से अठारहवीं शती ई. तक के पुरातात्विक अवशेष मिलते हैं।