• श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम ने इस तीर्थ का भ्रमण किया था।
• भगवान परशुराम ने यहां वाजपेय और एक सौ अश्वमेध यज्ञ करने के बाद )षि कश्यप को पूरी पृथ्वी उपहार में दी थी।
• यह तीर्थ सरस्वती नदी के तट पर स्थित है जहां से प्राचीन से लेकर मध्य मध्य काल तक के घाटों के अवशेष एवं मृदभाण्ड मिलते हैं।
राम तीर्थ यानेसर
भगवान परशुराम से सम्बन्धित तीर्थ
पौराणिक आख्यान इस तीर्थ का सम्बन्ध भगवान परशुराम से जोड़ते हैं। कहा जाता है कि यहां उन्होंने वाजपेय और एक सौ अश्वमेघ यज्ञ करने के पश्चात ऋषि कश्यप को सम्पूर्ण पृथ्वी उपहार में दी थी। अपनी तीर्थ यात्रा के समय भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम ने भी इस तीर्थ का भ्रमण किया था। प्राचीन सरस्वती के पुरा प्रवाह मार्ग पर स्थित इस तीर्थ पर मध्यकालीन घाटों के अतिरिक्त प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक की संस्कृतियों के अवशेष एवं मृदभाण्ड मिलते हैं।
Myths relate this tirtha to Parashurama, the incarnation of Lord Vishnu. It is said that after performing the Vajpeya yajna and one hundred Ashvamedha yajnas, he gifted the entire earth to sage Kashyap. Balarama, the elder brother of Krishna also visited this tirtha during his pilgrimage. Located on old palaeochannel of River Saraswati, this tirtha has medieval ghats. It has yielded earthen pots and remains related from ancient to medieval times. Reference Mahabharata
Ram Tirtha Thanesar
The tirtha associated with Parashurama