यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. की दूरी पर फरल नामक ग्राम में स्थित है ।
पवन पुत्र हनुमान से सम्बन्धित होने से इस तीर्थ को पवनेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है।
सम्भवतः महाभारत में पाणिखात नाम से वर्णित तीर्थ यही तीर्थ है। महाभारत में पाणिखात नामक तीर्थ का उल्लेख फल्गु तीर्थ के पश्चात् मिलने से ही ऐसी सम्भावना बढ जाती है। यद्यपि इस तीर्थ का निर्माण कालान्तर में हुआ है तथापि इस तीर्थ के प्रति यहाँ के जनसाधरण में अथाह श्रद्धा एवं अगाध भक्ति देखने को मिलती है। इसी अथाह श्रद्धा के परिणामस्वरूप यहाँ के ग्रामीण निवासियों द्वारा इस तीर्थ का जीर्णोंद्धार किया गया है।
तीर्थ में पवन पुत्र हनुमान को समर्पित एक मन्दिर है जिसमें हनुमान की एक अद्भुत एवं सुन्दर प्रतिमा स्थापित है। प्रचलित विश्वास के अनुसार यह एक चमत्कारिक तीर्थ है ।