Kurukshetra Development Board

यह तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि के सात प्रमुख वनों में से एक व्यास वन में स्थित था।

वामन पुराण के अनुसार इस तीर्थ के जल में स्नान करने के बाद देवताओं के रत्न शंकर के दर्शन करने चाहिए।

बाद के समय में यह तीर्थ मनोकामना तीर्थ के नाम से प्रसि( हुआ, जो भक्तों की मनोकामना पूर्ण करता है।

तीर्थ स्थित सरोवर से एक कुषाण कालीन कुआं मिला है। इसके साथ ही गांव से मध्यकालीन मृदभाण्ड भी मिलते हैं।