Kurukshetra Development Board

कर्ण का टीला मिर्जापुर

कुरुक्षेत्र का एक प्रसिद्ध पुरातात्विक स्थल

यह पुरातात्त्विक स्थल कुरुक्षेत्र से लगभग 5 कि.मी. की दूरी पर मिर्जापुर नामक ग्राम में स्थित है जिसका सम्बन्ध जनश्रुतियाँ महाभारत के प्रसिद्ध नायक दानवीर कर्ण से जोड़ती हैं।
कर्ण लोक निन्दा के भय से माता कुन्ती द्वारा त्यक्त थे। इसीलिए वह सूत दम्पति अधिरथ और राधा द्वारा पालित हुए। कर्ण सूर्यदेव के अनन्य उपासक तथा महा दानवीर थे। जन्म के साथ ही इन्हें कवच और कुण्डल प्राप्त थे। दुर्योधन ने इन्हें अंग देश का राजा बनाया था, जिसके फलस्वरूप इन्होंने कौरवों की ओर से पाण्डवों के विरुद्ध युद्ध किया। इन्द्र ने ब्राह्मण वेश धारण कर अर्जुन की सुरक्षा हेतु सूर्य पूजा के समय कर्ण से कवच और कुण्डल का दान माँग लिया था। कर्ण का प्रण था कि वह सूर्य पूजा के समय याचक की याचना अवश्य पूरी करेंगे। अतः अपने प्रण की रक्षा के लिए उन्होंने कवच और कुण्डल इन्द्र को दान दे दिए। यद्यपि वह जानते थे कि कवच और कुण्डल के अभाव में उनके प्राणों पर संकट आ सकता है।
अर्जुन के साथ युद्ध के समय कर्ण के रथ का पहिया जमीन मे धँस गया और कर्ण उसे निकालने का प्रयास कर रहे थे तभी श्रीकृष्ण के संकेत पर अर्जुन ने कर्ण का वध कर दिया था। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह टीला कभी राजा कर्ण का किला होता था।
इस टीले का सर्वेक्षण सर्वप्रथम कनिंघम ने तथा उत्खनन डी.बी. स्पूनर ने किया था। टीले से उत्खनन से प्राप्त अवशेषों को 400 से 100 ई. पू. तक तथा 100 ई.पू. से 300 ई. तक के दो कालों में विभाजित किया गया है। अवशेषों में धूसर चित्रित मृदभाण्ड, लाल चमकीले मृदभाण्ड तथा काली पाॅलिश वाले मृदभाण्ड प्राप्त हुए हंै। यहाँ से प्राप्त पुरावस्तुओं में पत्थर के सिल और मूसल, पत्थर के मणके, पशुओं की मूर्तियाँ, ब्राह्मीलेख से युक्त मोहरें आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इस टीले से मध्यकालीन बस्तियों के भी अवशेष मिले हैं। अंग्रेजी में…

Karna Ka Tila Mirzapur

A famous archaeological site of Kurukhsetra

Folklore associate this mound with Karna, one of the prominent warrior of Kaurava side during Mahabharata war. According to popular belief, Karna used to operate in Mahabharata war from this place. This mound was first surveyed by A. Cunningham and excavated by D.B. Spooner. The excavation conducted by Kurukshetra University have yielded. archaeological remains from 400 BC to 18th century CE. These include Painted Grey Ware, red shiny and black polished potteries, stone beads, figures of animals, seals with Brahmi inscriptions etc. Remains of medieval settlements have also been found from here at the top level.

LOCATION

Karna Ka Tila Mirzapur

A famous archaeological site of Kurukhsetra

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