कपिल मुनि नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 27 कि.मी. की दूरी पर कौल नामक गाँव में स्थित है। इस तीर्थ का सम्बन्ध सांख्य शास्त्र के प्रणेता कपिलमुनि से है। तीर्थ लगभग 4 एकड़ भूमि में विस्तृत है। तीर्थ स्थित मन्दिर के मण्डप की दीवारों पर हाथ में तलवार लिए किसी योद्धा एवं संन्यासी का चित्राँकन किया गाया है। गर्भगृह की भित्तियों में वानस्पतिक अलंकरण के साथ-साथ चारों भित्ति पटों पर जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा के चित्राँकन के साथ शेषशायी विष्णु, गीता उपदेश, हनुमान, रुक्मणी हरण, शिवपार्वती, गणेश आदि का चित्रण भी दर्शनीय है।
इसी तीर्थ परिसर में सरोवर के उत्तर में एक उत्तर मध्यकालीन कृष्ण मन्दिर है। मन्दिर के मण्डप की भित्तियों पर जगन्नाथ, दानलीला, गजलक्ष्मी, भीष्म शरशैय्या, राधा कृष्ण, कंस वध, राधा की वेणी सजाते हुए कृष्ण, नृसिंह, वराह, सहस्रबाहु वध आदि दृश्य चित्रित हैं।