- लोक कथाओं के अनुसार, तीर्थ यात्रा के दौरान ऋषि रिचिक के पुत्र जमदग्नि ने इस तीर्थ पर प्रवास किया था।
- तीर्थ पर लाखौरी ईंटों से निर्मित अष्टकोण बुर्जी वाले उत्तर मध्यकालीन घाट हैं।
- तीर्थ परिसर से मध्यकालीन ईंटें तथा मृदभाण्ड मिलते हैं जिससे सि( होता है कि यह स्थल प्राचीन काल से ही अस्तित्व मे ंरहा होगा।