- लौकिक मान्यताएं इस तीर्थ को सूर्यवंशी राजा )षभदेव के पुत्र भरत से जोड़ती हैं जो अपने दूसरे जन्म में हिरण के रूप में जन्मे थे।
- ऐसा माना जाता है कि इस तालाब में स्नान करने और भगवान विष्णु की पूजा करने स़े व्यक्ति को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
- तीर्थ के घाट मध्यकालीन लाखौरी ईटों से निर्मित हैं।
- तीर्थ परिसर से 9वीं-10वीं शती ई. की कुछ खण्डित मूर्तियां एवं मृदभाण्ड मिले हैं।