Kurukshetra Development Board

हय्लेपक नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 30 कि.मी. दूर साकरा ग्राम में स्थित है। कुरुक्षेत्र भूमि के वे तीर्थ जो भगवान शिव से सम्बन्धित हैं उनमें सतत, दक्षाश्रम, पंचनद, कामेश्वर, सरक, हय्लेपक, मनोजव, अनरक, स्थाणु वट आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ तीर्थों का उल्लेख तो महाभारत तथा वामन पुराण दोनों में ही उपलब्ध हो जाता है। साकरा स्थित इस तीर्थ का उल्लेख वामन पुराण में उपलब्ध होता है जहाँ इसे शिव से सम्बन्धित बताया गया है:
चैत्रशुक्लचतुर्दश्यां तीर्थे स्नात्वा हय्लेपके।
पूजयित्वा शिवं तत्र पापलेपो न विद्यते।
(वामन पुराण 36/44)
उपरोक्त श्लोक से स्पष्ट है कि विशेषतया चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को इस तीर्थ में स्नान करने तथा भगवान शिव की पूजा करने वाले मनुष्य को पाप स्पर्श भी नहीं करता।
नारद पुराण में भी इस तीर्थ को विलेपक कहते हुए वामन पुराण के अनुसार ही इसे भगवान शिव से सम्बन्ध्ति बताते हुए चैत्रमास के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी को इसमें स्नान का विशेष महत्त्व बताया है। नारद पुराण के अनुसार भी ऐसा करने वाला व्यक्ति सब पापों से मुक्त हो जाता है।

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