अन्य नवग्रह कुण्डों के साथ इस कुण्ड का निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के परामर्श पर करवाया गया था। नवग्रहों को समर्पित कुण्डों में यह कुण्ड, मुख्य सूर्य कुण्ड के पूर्व में स्थित है। तीर्थ पर बुध ग्रह और भगवान शिव का एक संयुक्त उत्तर-मध्यकालीन नागर शिखर युक्त मंदिर है। मन्दिर में बुध ग्रह की मानव प्रतिमा के साथ शिवलिंग प्रतिष्ठित है। तीर्थ स्थित आयताकार सरोवर पर चारों ओर से सीढ़ियां बनी हुई हैं। यहां श्रावण त्रयोदशी को स्नान का विशेष महत्व है।