देव गुरु बृहस्पति को समर्पित इस ग्रह कुण्ड का निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा पर करवाया गया था जो कि नवग्रहों के मध्य में स्थित सूर्य कुण्ड की उत्तरी दिशा मे स्थित है। तीर्थ पर देवगुरु बृहस्पति एवं भगवान शिव को समर्पित एक उत्तर मध्यकालीन मन्दिर है जिसके आन्तरिक भाग में कुछ भित्तिचित्रों का अंकन है। तीर्थ सरोवर मन्दिर परिसर के पूर्व में है जिसमें अष्टकोण बुर्जियों वाले उत्तर मध्यकालीन पुरुष एवं महिला स्नान घाट बने हुए हैं। पूर्व में इस तीर्थ पर कार्तिक स्नान की परम्परा थी।