• लोक कथाओं के अनुसार, तीर्थ की देवी पांडवों की कुल देवी थीं जिसकी पिण्डी यहां महाराष्ट्र से आए एक सन्त को मिली थी।
• इस क्षेत्र के लोग इस देवी को अपनी कुल देवी मानते हैं जहां बच्चों के मुण्डन संस्कार सम्पन्न होते हैं।
• तीर्थ के परिवेश से धूसर चित्रित मृदभाण्ड ;महाभारत कालीनद्ध और मध्ययुगीन मृदभाण्ड मिलते हैं।