• स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह बाबा मस्त गिरी का तपस्या स्थल है जो कि लकवा रोग के इलाज के लिए प्रसि( है। यह तीर्थ डेरा सौदापुर के नाम से भी जाना जाता है।
• तीर्थ परिवेश में उत्तर हड़प्पा, धूसर चित्रित मृदभाण्ड, आद्य-ऐतिहासिक तथा मध्य कालीन मृदभाण्डों के अवशेष मिलते हैं।
• इस तीर्थ के निकट स्थित एक अन्य तीर्थ सीतामाई से मृण मन्दिर के 7 वीं-8 वीं शती के अवशेष मिलते हैं।