•महाभारत के अनुसार, इस तीर्थ में स्नान करने के बाद इंद्र की पूजा करने से व्यक्ति को अमरत्व मिलता है।
• जनश्रृति इस तीर्थ को महाभारत कालीन राजा डंग से जोड़ती हैं जिसके कारण इसे डंगाली तीर्थ भी कहते हैं।
• तीर्थ परिवेश से उत्तर हड़प्पा काल से मध्य काल तक के अवशेष मिलते हैं।
• यहां से 7वीं -8वीं शती ई. की एक देवी अम्बा की मूर्ति भी मिली है जिसे अब श्रीकृष्ण संग्रहालय, कुरुक्षेत्र में प्रदर्शित किया गया है।