• कुरुक्षेत्र भूमि के सोम तीर्थों में से एक इस तीर्थ पर चंद्रमा ने भगवान शिव की अराधना कर आरोग्य प्राप्त किया था। इस तीर्थ को शशमाली भी कहा जाता है।
• अदिति क्षेत्र में इस तीर्थ की उपस्थिति प्राचीन ग्रह पूजा की परम्परा को दर्शाती है।
• तीर्थ परिसर से आद्य-ऐतिहासिक काल की पुरावस्तुएं मिलती हैं जिनमें दूसरी शती ई.पू. की यक्ष और यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियां प्रसि( हैं। यह तीर्थ अभिमन्यु के पुरातात्विक टीले का ही भाग रहा होगा।