- तीर्थ का संबंध ऋषि वशिष्ठ की पत्नी अरुंधति और ऋषि भारद्वाज की पुत्री श्रुतावती से है। अरुंधति ने शिव के लिए तथा श्रुतावती ने इंद्र के लिए बेरी के फलों को यहीं पकाया था।
- इस तीर्थ को ननद-भौजी तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है।
- कृष्ण के बड़े भाई बलराम ने कुबेर तीर्थ के पास जाने से पहले इस तीर्थ का दौरा किया।
- प्राचीन सरस्वती नदी के तट पर स्थित इस तीर्थ से उत्तर- मध्यकालीन पुरावशेष मिलते हैं।