सूर्यकुण्ड नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 24 कि.मी. दूर सजूमा ग्राम के पश्चिम में स्थित है। यह तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि स्थित सूर्य कुण्ड तीर्थों में से एक है। कुरुक्षेत्र की भूमि सौर उपासना के लिए प्रसिद्ध रही है जिस कारण इस भूमि में अनेक सूर्य कुण्ड मिलते हंै जहाँ श्रद्धालु अमावस्या एवं सूर्य ग्रहण के अवसर पर स्नान करते आए हंै। तीर्थ पर लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में विस्तृत एक सरोवर है जिसमें पुरुष एवं महिला घाटों का निर्माण किया गया है।
तीर्थ स्थित एक उत्तर मध्यकालीन मन्दिर की भित्तियों पर वानस्पतिक अलंकरण के साथ साथ दुर्गा, मत्स्यावतार, वराह, हनुमान, भैरव, गायों के मध्य कृष्ण, कालनेमि को मारते हुए हनुमान, गीता उपदेश, हनुमान पर तीर छोड़ते भरत आदि प्रसंगों का चित्रण है।