जुहोमि नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 25 कि.मी. दूर हजवाना ग्राम में स्थित है।
लोक प्रचलित जन-श्रुति के अनुसार इस तीर्थ का नाम जुहोमि महात्मा के नाम पर पड़ा है। इसी प्रचलित मान्यता के आधार पर कहा जाता है कि यहाँ पर महात्मा जुहोमि ने तपस्या की थी। इस तीर्थ पर अमावस्या व सूर्य ग्रहण के मेले पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए आते हैं। तीर्थ पर एक उत्तर मध्यकालीन लाखौरी ईंटों से निर्मित पक्का घाट है जिसके प्रवेश द्वार की सीढ़ियों के दोनों ओर लगते हुए तीन-तीन मेहराबी कक्ष हैं। घाट में अष्टकोणाकृति वाली बुर्जियाँ हैं। सरोवर तीर्थ की उत्तरी दिशा में स्थित है।