शालिहोत्र तीर्थ सारसा
यक्ष-युधिष्ठिर संवाद स्थली
शालिहोत्र नामक यह तीर्थ कुरुक्षेत्र से लगभग 24 कि.मी. की दूरी पर सारसा नामक ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का नाम शालिहोत्र मुनि से सम्बन्धित होने के कारण शालिहोत्र पड़ा तथा ग्राम का सारसा नाम होने का प्रमुख कारण यह रहा है कि इसी स्थान पर धर्मयक्ष ने सारस पक्षी का रूप धरण करके धर्मराज युधिष्ठिर से कई प्रश्न किये थे। युधिष्ठिर के उत्तरों से प्रसन्न होकर यक्ष ने उनके चारों भाईयों (भीम, अर्जुन, नकुल एवं सहदेव) को जीवन दान दिया था।
एक अन्य लौकिक आख्यान के अनुसार इस तीर्थ का सम्बन्ध हैहय वंशी राजा सहस्रबाहु से है जो कि भगवान विष्णु के अवतार परशुराम के समकालीन थे। पौराणिक आख्यानों के अनुसार परशुराम ने सह्रसबाहु को मारकर अन्यायी राजाओं के विरुद्ध अपना अभियान यहीं से शुरु किया था। कहा जाता है कि वर्तमान ग्राम का नाम सारसा इन्हीं सहस्रबाहु के नाम पर पड़ा है। कईं मान्यताओं के अनुसार गाँव का नाम सारस पक्षी के नाम पर पड़ा है। तीर्थ सरोवर में आज भी सारस पक्षियों के झुण्ड देखने को मिलते हैं।
महाभारत के दाक्षिणात्य पाठ के आदि पर्व में शालिहोत्र मुनि का वर्णन है। इन्होंने अपने आश्रम में अपने तपोबल से एक दिव्य सरोवर और पवित्र वृक्ष का निर्माण किया था। उस सरोवर का जल मात्र पी लेने से ही मनुष्य की क्षुधा-तृष्णा सर्वथा शान्त हो जाती थी। यहीं यह भी उल्लेख है कि पाण्डव हिडिम्बा (भीम की पत्नी) के साथ इस आश्रम में आए थे तथा शालिहोत्र मुनि ने पाण्डवों को भोजन देकर उनकी भूख को शान्त किया था।
महाभारत में इस तीर्थ का महत्व इस प्रकार वर्णित है:
शालिहोत्रस्य तीर्थे च शालिसूर्ये यथाविधि।
स्नात्वा नरवरश्रेष्ठ गोसहस्र फलं लभेत्।।
(महाभारत, वन पर्व 83/107)
अर्थात् शालिहोत्र के शालिसूर्य नामक तीर्थ में स्नान करने पर मनुष्य को सहस्र गऊओं के दान का फल मिलता है।
वामन पुराण में भी इस तीर्थ को राजर्षि शालिहोत्र से सम्बंधित बताया गया है।
शालिहोत्रस्य राजर्षेस्र्तीथ त्रैलोक्य विश्रुतम्। (वामन पुराण, 37/5)
तीर्थ सरोवर के चारों ओर लाखौरी ईंटों से निर्मित घाट हंै। तीर्थ स्थित एक मन्दिर के गर्भगृह में शिवलिंग के साथ-साथ 9-10वीं शती की एक विष्णु प्रतिमा भी स्थापित है।
Shalihotra Tirtha Sarsa
Tirtha associated with the dialogue between Yaksha & Yudhishthira
This tirtha is associated with sage Shalihotra. The dialogue between Yaksha and Yudhishthira. Yudhishthira took place at this place. Yudhishthira had answered all the questions of Yaksha and got back the life of his four brothers Bhima, Arjuna, Nakula and Sahadeva from the Yaksha. According to folklore, Parashurama started his campaign against unjust kings from here after killing King Sahasrabahu. According to Mahabharata, a person gets the reward of donating a thousand cows by taking bath in the waters of this tirtha.