ओजस नामक यह तीर्थ कुरुक्षेत्र से लगभग 10 कि.मी. की दूरी पर समशीपुर नामक ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का परिचय वामन पुराण में स्पष्ट रूप से दिया गया है तीर्थ का सम्बन्ध भगवान शिव के पुत्र कुमार कार्तिकेय से है। महाभारत के अनुसार देवताओं ने कुमार कार्तिकेय को अपनी सेना के सेनापति का पद प्रदान कर सरस्वती के तट पर स्थित इस तीर्थ पर अभिषेक किया था।
कुमारस्याभिषेकं च ओजसं नाम विश्रुतम्।
तस्मिन् स्नातस्तु पुरुषो यशसा च समन्वितः।
कुमारपुरमाप्नोति कृत्वा श्राद्धं तु मानवः।
(वामन पुराण 41/7-8)
वामन पुराण के अनुसार कुमार के अभिषेक वाला स्थान ओजस नाम से प्रसिद्ध है। उस तीर्थ मे स्नान करने से मनुष्य यश को प्राप्त करता है तथा वहाँ श्राद्ध करने वाला मनुष्य कुमार के लोक को प्राप्त होता है। वामन पुराण के अनुसार यहाँ किया गया श्राद्ध अक्षय होता है।
ओजसे ह्यक्षयं श्राद्धं वायुना कथितं पुरा।
(वामन पुराण 41/9-11)
ब्रह्मपुराण में भी ‘रेणुकं पंचवटकं विमोचनमधौजसम्’ ऐसा कहकर इस तीर्थ का स्पष्ट उल्लेख किया है।