Kurukshetra Development Board

जनश्रुतियों के अनुसार अभिमन्यु की वीरगति के बाद अर्जन के डर से जयद्रथ इसी स्थान पर आकर छुपा था। सम्भवतः यह वही स्थान है जहां द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्र-शकट व्यूह में जयद्रथ को छुपाया गया था। तीर्थ पर अष्टकोण बुर्जियों वाले उत्तर-मध्यकालीन स्नान घाट बने हुए हैं। यह तीर्थ दृषद्वती नदी के पुराप्रवाह के निकट स्थित है। तीर्थ से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण में स्थित खेतों से 6वीं-5वीं शती ई0पू0 से लेकर मध्यकाल के मृदपात्र एवं अन्य पुरावशेष मिलते हैं। वर्तमान में तीर्थ पर एक आधुनिक नागर शिखर युक्त हनुमान मंदिर स्थित है।

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