गोविन्द कुण्ड तीर्थ 48 कोस कुरुक्षेत्र की सीमा रेखा पर स्थित प्राचीन दृषद्वती नदी के तट पर स्थित है। इस तीर्थ की गणना रामह्रद, सन्निहित, सूर्य कुण्ड एवं कल्याणी के साथ उन पाँच कुण्डों में होती है जो क्षत्रियों के रक्त से परशुराम द्वारा बनाए गए थे। बाद में उनके पूर्वजों की कृपा से ये सभी रक्त कुण्ड तीर्थों में बदल गये। आज इन सभी की गणना मोक्ष तीर्थों में की जाती है। तीर्थ पर कुछ उत्तर-मध्यकालीन मन्दिर एवं घाट बने हैं। अन्य मन्दिर आधुनिक समय में निर्मित हुए हैं। तीर्थ सरोवर के मध्य भव्य गीता उपदेश रथ बनाया गया है। तीर्थ परिसर से मध्यकालीन पुरावेशष मिलते हैं।