• पौराणिक आख्यान इस तीर्थ को राजा ययाति से जोड़ते हैं।
• लोककथाओं के अनुसार महाभारत की लड़ाई के दौरान पाण्डवों की सेनाओं के लिए भोजन यहां बनाया गया था।
• गाँव के उत्तर-पश्चिम में लगभग एक किमी की दूरी पर स्थित एक टीले से उत्तर हड़प्पा, धूसर चित्रित मृद्भाण्ड, आद्य-ऐतिहासिक और मध्य कालीन अवशेष मिले हैं।