सर्वरोगहर तीर्थ, पिलनी, कैथल

लोककथाओं के अनुसार राजा परीक्षित के पुत्र जनमेजय को गंभीर त्वचा रोग से यहीं मुक्ति मिली थी। यहां का सरोवर सिद्ध जोहड़ी के नाम से प्रसिद्ध है जिसका पानी चर्म…

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रामशरण तीर्थ, हथलाना, करनाल

जनश्रुतियों के अनुसार अभिमन्यु की वीरगति के बाद अर्जन के डर से जयद्रथ इसी स्थान पर आकर छुपा था। सम्भवतः यह वही स्थान है जहां द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्र-शकट व्यूह…

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गोविंद कुण्ड, राजपुरा, जींद

गोविन्द कुण्ड तीर्थ 48 कोस कुरुक्षेत्र की सीमा रेखा पर स्थित प्राचीन दृषद्वती नदी के तट पर स्थित है। इस तीर्थ की गणना रामह्रद, सन्निहित, सूर्य कुण्ड एवं कल्याणी के…

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पराशर तीर्थ, पाजू कलां, जींद

जनश्रुतियां इस तीर्थ का सम्बन्ध महर्षि पराशर से जोड़ती हैं जो कि महर्षि वेद व्यास के पिता तथा महर्षि वशिष्ठ के पौत्र थे। यह तीर्थ पगधोई के नाम से भी…

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सोहम तीर्थ, साहनपुर, जींद

लोक मान्यताओं के अनुसार इस तीर्थ पर दत्तात्रेय की पूजा करने से दुर्लभ आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है। तीर्थ का देवता एक सिरस का वृक्ष है जिसकी यहां पूजा की…

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चैंसठ योगिनी तीर्थ, कलावती, जींद

यह तीर्थ चैंसठ योगिनियों को समर्पित है, जिनकी पूजा प्रायः नवग्रहों के साथ अग्नि कोण में की जाती है। यहां स्थित संयुक्त मंदिर चैंसठ योगिनियों तथा भाई जी नामक महात्मा…

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कुलोत्तारण तीर्थ, कुलतारण, कैथल

कुलोत्तारण नामक तीर्थ का उल्लेख वामन पुराण तथा महाभारत में मिलता है जो कि कुरुक्षेत्र भूमि के प्रमुख मोक्ष तीर्थों में से एक है। ग्राम कुलतारण का नाम इसी तीर्थ…

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निराकार तीर्थ, पिलनी, कैथल

इस तीर्थ का नामकर्ण भगवान शिव के एक नाम निराकार पर पड़ा है। लौकिक मान्यताओं के अनुसार महाभारत के युद्ध के दौरान महिलाएं यहां स्नान करती थी। तीर्थ पर मध्यकालीन…

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द्वादश राशि तीर्थ, म्यौली, कैथल

यह तीर्थ सरस्वती की प्रमुख सहायक नदी कौशिकी के प्राचीन तट पर स्थित है। कौशिकी को वामन पुराण में पापनाशिनी कहा गया है। यह तीर्थ एक पुरातात्विक स्थल पर स्थित…

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कण्व ऋषि आश्रम, डीग, कैथल

लौकिक आख्यान इस तीर्थ का सम्बन्ध ऋषि कण्व से जोड़ते हैं जो कि राजा भरत की माता शंकुतला के पालक पिता थे। वर्तमान में तीर्थ पर नागर शिखर युक्त भव्य…

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