Kaushiki Tirth, Coir
कौशिकी नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 29 कि.मी. दूर कोयर ग्राम में स्थित है। यह तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि की नौ नदियों मे से एक कौशिकी नदी के तट पर…
कौशिकी नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 29 कि.मी. दूर कोयर ग्राम में स्थित है। यह तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि की नौ नदियों मे से एक कौशिकी नदी के तट पर…
वेदवती नामक यह तीर्थ करनाल से 25 कि.मी. दूर करनाल-पिहोवा मार्ग पर सीतामाई ग्राम में स्थित है। वामन पुराण में इस तीर्थ का विस्तार से वर्णन है। रामायण में इस…
विमलसर नामक यह तीर्थ, करनाल से लगभग 24 कि.मी दूर सग्गा ग्राम में स्थित है। पौराणिक साहित्य में वामन पुराण के अन्तर्गत इस तीर्थ का धार्मिक महत्त्व बताते हुए स्पष्ट…
पराशर नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 18 कि.मी. दूर बहलोलपुर ग्राम के उत्तर पूर्व में स्थित है। बहलोलपुर नामक ग्राम में स्थित इस तीर्थ का नाम महर्षि वशिष्ठ के…
पृथ्वी तीर्थ करनाल से लगभग 18 कि.मी. दूर बालू नामक ग्राम में स्थित है। महाभारत के तीर्थों के क्रमिक वर्णन में पारिप्लव तीर्थ के तुरन्त पश्चात् पृथ्वी तीर्थ का नामोल्लेख…
यह तीर्थ करनाल से लगभग 30 कि.मी. दूर करनाल-कैथल मार्ग के समीप बस्थली ग्राम में स्थित है। व्यास स्थली नामक इस तीर्थ का सम्बन्ध महर्षि व्यास से है जो पराशर…
त्रिगुणानन्द नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 31 कि.मी. दूर गुनियाना ग्राम में स्थित है। लौकिक आख्यान इस तीर्थ का सम्बन्ध सात प्रमुख महर्षियों भारद्वाज, जमदग्नि, कश्यप, विश्वामित्र, वशिष्ठ एवं…
चुच्चुकारण्डव नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 35 कि.मी. दूर चोरकारसा ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का निर्माण पौराणिक काल के बाद हुआ प्रतीत होता है। यह तीर्थ एक…
पावन नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 36 कि.मी. दूर करनाल-असन्ध मार्ग पर स्थित उपलाना ग्राम में है। इस तीर्थ का नाम एवं महत्त्व महाभारत वन पर्व केे 83वें अध्याय…
जम्बूनद नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 38 कि.मी. दूर करनाल-असन्ध मार्ग पर स्थित जबाला ग्राम में स्थित है। पौराणिक साहित्य में सम्पूर्ण पृथ्वी को सात द्वीपों में विभक्त होने…
जरासन्ध का टीला कहा जाने वाला यह पुरातात्त्विक स्थल असंध शहर में करनाल से लगभग 43 कि.मी. दूर स्थित है। असंध नगर को प्राचीन साहित्य में असंधिवात भी कहा गया…
धनक्षेत्र नामक यह तीर्थ करनाल से लगभग 44 कि. मी. दूर असन्ध शहर में स्थित है। जनश्रुति के अनुसार इस तीर्थ का नाम धनक्षेत्र है जो कालांतर में अनेक ऋषि-मुनियों…