Kurukshetra Development Board

Kapilmuni Tirth, Kaul

View Direction About KDB कपिलमुनि तीर्थ कौल महान सिद्ध कपिल मुनि से सम्बद्ध तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि में कपिल मुनि से सम्बन्धित तीर्थों में से एक इस तीर्थ का सम्बन्ध भी सांख्य शास्त्र के प्रणेता महर्षि कपिल से है। इसी तीर्थ परिसर में सरोवर के उत्तर में एक उत्तर-मध्यकालीन कृष्ण मन्दिर है। मन्दिर के मण्डप की […]

Haylepak Tirth, Sakra

View Direction About KDB अलेपक तीर्थ साकरा कुरुक्षेत्र भूमि के शैव तीर्थों में से एक वामन पुराण के अनुसार चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को इस तीर्थ में स्नान करने तथा भगवान शिव की पूजा करने वाले मनुष्य को पाप स्पर्श भी नहीं करता है। नारद पुराण में भी इस तीर्थ को भगवान […]

Dhruv Kund, Dheradu

View Direction About KDB ध्रुव कुण्ड धेरडू भक्त ध्रुव को समर्पित तीर्थ भक्त शिरोमणी ध्रुव से सम्बन्धित इस तीर्थ का वर्णन वराह पुराण में मिलता है। पौराणिक साहित्य के अन्तर्गत विष्णु पुराण में ध्रुव के जीवन व चरित्र पर पर्याप्त विवरण उपलब्ध होता है। लोक प्रचलित मान्यता के अनुसार ध्रुव ने इसी स्थान पर रहकर […]

Pavaneshwar Tirth, Ferral

View Direction About KDB पवनेश्वर तीर्थ फरल फल्की वन स्थित हनुमान को समर्पित तीर्थ यह तीर्थ प्राचीन कुरुक्षेत्र के प्राचीन फल्की वन में स्थित है। पवन पुत्र हनुमान से सम्बन्धित होने से इस तीर्थ को पवनेश्वर तीर्थ के नाम से जाना जाता है। महाभारत में पाणिखात नाम से वर्णित तीर्थ यही तीर्थ है। महाभारत में […]

Phalgu Tirth, Falakivan, Ferral

View Direction About KDB फल्गु तीर्थ फरल फल्की वन स्थित मोक्ष तीर्थ यह तीर्थ प्राचीन कुरुक्षेत्र भूमि के सात वनों में से एक फलकी वन में स्थित मोक्ष तीर्थ है। इसे फल्गु ऋषि की तपोस्थली माना जाता है। वामन पुराण के अनुसार सोमवार की अमावस्या के दिन इस तीर्थ में किया गया श्राद्ध पितरों को […]

Yagasang Tirth, Gyong

View Direction About KDB यज्ञसंग तीर्थ गियोंग गंगा और भीष्म से सम्बन्धित तीर्थ इस तीर्थ के सम्बन्ध में प्रचलित जनश्रुतियां इसका सम्बन्ध महाभारत काल से ही जोड़ती हैं। कहा जाता है कि गंगा देवी एवं उनके पुत्र गांगेय (भीष्म पितामह) ने महाभारत युद्ध के समय इस स्थान पर अत्यन्त यज्ञ-यागादि किये थे। यज्ञ-भूमि होने से […]

Luv-Kush Tirth, Mundadi

View Direction About KDB लव-कुश तीर्थ मुन्दड़ी प्राचीन कुरुक्षेत्र भूमि का रामायण कालीन तीर्थ लोक प्रचलित किंवदन्तियों के अनुसार इसी स्थान पर भगवान राम एवं सीता के पुत्र लव एवं कुश ने महर्षि बाल्मीकि से रामायण के सम्पूर्ण श्लोक कण्ठस्थ कर लिए थे। जनश्रुति के अनुसार लव एवं कुश को सम्पूर्ण रामायण कण्ठस्थ करवा देने […]

Trivishtap Tirth, Tiontha

View Direction About KDB त्रिविष्टप तीर्थ प्राचीन वैतरणी नदी तट पर स्थित महाभारत एवं वामन पुराण दोनों में ही इस तीर्थ को वैतरणी नदी के तट पर स्थित बताया गया है जो कि प्राचीन कुरुक्षेत्र की नौ नदियों सरस्वती, दृषद्वती, गंगा, मंदाकिनी, मधुस्रवा, वासुनदी, कौशिकी, हिरण्वती आदि प्रमुख नदियों में से एक है। इस तीर्थ […]

Devi Tirth, Mohana

View Direction About KDB देवी तीर्थ मोहना प्राचीन मधुवन स्थित देवी तीर्थ यह देवी तीर्थ प्राचीन कुरुक्षेत्र भूमि के सात वनों में से एक मधुवन के अन्तर्गत स्थित है। महाभारत के अनुसार जो मनुष्य पवित्र हृदय से मधुवटी के देवी तीर्थ में जाकर वहाँ स्नान करके देवताओं एवं पितरों की पूजा अर्चना करता है. देवी […]

Pundarik Tirth, Pundari

View Direction About KDB पुण्डरीक तीर्थ पूण्डरी पुण्डरीक यज्ञ फल प्रदाता तीर्थ महाभारत के अनुसार इस तीर्थ में स्नान करने से मनुष्य पुण्डरीक यज्ञ के फल को प्राप्त करता है। वामन पुराण में भी इस तीर्थ का सेवन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को ही करने का विधान है। यहां कहा गया है […]

Rinmochan Tirtha Rasina

View Direction About KDB ऋणमोचन तीर्थ रसीना कुरुक्षेत्र भूमि का सर्वऋण मोचक तीर्थ पौराणिक साहित्य में कहीं इस तीर्थ को ऋणमोचन तो कहीं ऋणप्रमोचन कहा गया है लेकिन इसका शाब्दिक अर्थ ऋणों से मुक्त करने वाला ही है। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि ऋणमोचन तीर्थ श्रौत, स्मार्त अथवा अन्य सभी प्रकार के ऋणों […]

Suryakund, Habdee

View Direction About KDB सूर्यकुण्ड हाबड़ी प्राचीन कुरुक्षेत्र भूमि के सूर्यकुण्डों में से एक पौराणिक साहित्य के अनुसार यहाँ स्नान करके देवताओं एवं पितरों की अर्चना करके उपवास करने वाला पुरुष अग्निष्टोम यज्ञ के फल को पाकर सूर्यलोक को जाता है। एक जनश्रुति के अनुसार इसी स्थान पर ऋर्षि महर्षियों ने महाभारत युद्ध में मारे […]