Bannganga, Dayalpur
बाण गंगा नामक यह तीर्थ ब्रह्म सरोवर से लगभग 4 कि.मी. दूर दयालपुर नामक ग्राम मंे स्थित है। इस तीर्थ के विषय में अनेक जनश्रुतियाँ प्रचलित हैं जिनमें से एक…
बाण गंगा नामक यह तीर्थ ब्रह्म सरोवर से लगभग 4 कि.मी. दूर दयालपुर नामक ग्राम मंे स्थित है। इस तीर्थ के विषय में अनेक जनश्रुतियाँ प्रचलित हैं जिनमें से एक…
ब्रह्म सरोवर की गणना कुरुक्षेत्र के प्रमुख तीर्थों में होती है। यह तीर्थ ब्रह्मा से सम्बधित होने के कारण ब्रह्म सरोवर नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसे सृष्टि का आदि तीर्थ…
सन्निहित तीर्थ की गणना कुरुक्षेत्र के प्राचीन एवं पवित्र तीर्थों में की जाती है। वामन पुराण के अनुसार यह तीर्थ रन्तुक से लेकर ओजस तक, पावन से चतुर्मुख तक विस्तृत…
कुरुक्षेत्र का यह प्रमुख तीर्थ थानेसर शहर के पश्चिम में थानेसर-बगथला मार्ग पर राजा हर्ष के किले के दक्षिण में स्थित है। इस तीर्थ का संबन्ध भगवान विष्णु से है।…
महाभारत एवं पुराणांे में वर्णित कुरुक्षेत्र का यह पावन तीर्थ थानेसर शहर के उत्तर में स्थित है। इस तीर्थ का सर्वप्रथम उल्लेख बौद्ध साहित्य में उपलब्ध होता है। ‘महाबग्ग’ ग्रन्थ…
कुरुक्षेत्र में झाँसा रोड पर स्थित यह शक्तिपीठ देश के 52 शक्तिपीठांे में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कनखल में राजा दक्ष की पुत्री सती ने राजा दक्ष…
रन्तुक यक्ष को समर्पित यह तीर्थ कुरुक्षेत्र के बीड़ पिपली नामक स्थान पर सरस्वती के किनारे स्थित है। महाभारत के अनुसार कुरुक्षेत्र की पावन भूमि सरस्वती एवं दृषद्वती के मध्य…
लोकोद्धार नामक यह तीर्थ, जींद से लगभग 40 कि.मी. दूर लोधार ग्राम में स्थित है। इस तीर्थ का सम्बन्ध भगवान विष्णु से है क्योंकि वे तीनों लोकों का उद्धार करते…
कश/रामसर नामक यह तीर्थ, जींद से लगभग 28 कि.मी. की दूरी पर कुचराना ग्राम में स्थित है। महाभारत के अनुसार प्राचीन काल में कुश नामक एक महर्षि थे जो अग्निदेव…
कायशोधन नामक यह तीर्थ जींद से लगभग 19 कि.मी. दूर कसूहन ग्राम में स्थित है। कसूहन में स्थित इस तीर्थ के नाम से ही प्रतीत होता है कि यह तीर्थ…
वंशमूलक नामक यह तीर्थ जींद से लगभग 17 कि.मी. की दूरी पर बरसोला ग्राम मे स्थित है। यह तीर्थ वंश की वृद्धि करने वाला कहा जाता है। महाभारत, पद्म पुराण…
सर्पदधि नामक यह तीर्थ जींद-सफीदों मार्ग पर जींद से लगभग 35 कि.मी. की दूरी पर सफीदों नगर में स्थित है। इस तीर्थ का उल्लेख महाभारत में सर्पदेवी तथा वामन पुराण…