Khatwangeswar Tirth, Khadalwa
खट्वंागेश्वर नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 34 कि.मी. दूर खडालवा ग्राम के एक प्राचीन टीले पर स्थित है। प्रचलित जनश्रुति इस तीर्थ का सम्बन्ध महाराज खण्डेश्वर से जोड़ती है।…
खट्वंागेश्वर नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 34 कि.मी. दूर खडालवा ग्राम के एक प्राचीन टीले पर स्थित है। प्रचलित जनश्रुति इस तीर्थ का सम्बन्ध महाराज खण्डेश्वर से जोड़ती है।…
मकुटेश्वर नामक यह कैथल से लगभग 32 कि.मी. दूर मटोर ग्राम के मध्य में स्थित है। प्रचलित किंवदन्ती इस तीर्थ का सम्बन्ध महर्षि मार्कण्डेय से जोड़ती है जिसके अनुसार महर्षि…
कपिलमुनि नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 26 कि.मी. दूर कलायत नामक कस्बे में स्थित है जिसका उल्लेख महाभारत, वामन पुराण, मत्स्य पुराण, ब्रह्म पुराण, कूर्म पुराण तथा पद्म पुराण…
आपगा नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 8 कि.मी. दूर गादली ग्राम में स्थित है। प्राचीन काल में यह तीर्थ सरस्वती की सहायक आपगा नदी पर स्थित था। महाभारत तथा…
मानुष नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 12 कि.मी. दूर मानस ग्राम में स्थित है। कुरुक्षेत्र भूमि में स्थित इस तीर्थ की प्राचीनता ऋग्वेद में इसका वर्णन मिलने से स्वतः…
ब्रह्मोदुम्बर तीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 8 कि.मी. दूर शीला खेड़ी ग्राम में स्थित है। ब्रह्मोदुम्बर नामक उक्त तीर्थ का उल्लेख महाभारत एवं वामन पुराण दोनों मंे मिलता…
सूर्यकुण्ड नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 24 कि.मी. दूर सजूमा ग्राम के पश्चिम में स्थित है। यह तीर्थ कुरुक्षेत्र भूमि स्थित सूर्य कुण्ड तीर्थों में से एक है। कुरुक्षेत्र…
गोभवन तीर्थ, नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 23 कि.मी. दूर गुहणा ग्राम में स्थित है। गुहणा में स्थित इस तीर्थ का वर्णन महाभारत तथा पद्म पुराण दोनों में किंचित…
शृंगी ऋषि/शंखिनी देवी तीर्थ नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 22 कि.मी दूर कैथल-टोहाना मार्ग पर सांघन ग्राम में स्थित है। महाभारत मे कुरुक्षेत्र भूमि के तीन तीर्थों को मातृशक्ति…
अरन्तुक यक्ष को समर्पित यह तीर्थ कैथल से लगभग 26 कि.मी. दूर कैथल-पटियाला जिलों की सीमा पर बेहरजख ग्राम के पश्चिम में स्थित है। वन पर्व में इसे कुरुक्षेत्र भूमि…
बह्मावर्त नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 20 कि.मी. की दूरी पर प्रभावत ग्राम के पश्चिम में स्थित है। कुरुक्षेत्र भूमि की 48 कोस की परिधि में स्थित ब्रह्मतीर्थों (ब्रह्मसर,…
गन्धर्व नामक यह तीर्थ कैथल से लगभग 21 कि.मी. दूर ग्राम गोहरां खेड़ी में स्थित है। इस तीर्थ का वर्णन महाभारत और पद्मपुराण में मिलता है। गन्धर्वों से सम्बन्धित होने…