काव्य तीर्थ, करोड़ा, कैथल

इस तीर्थ को 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि का केन्द्र बिन्दु माना जाता है। इस तीर्थ की गणना स्थानीय लोग कुरुक्षेत्र के अतिविशिष्ट तीर्थों में करते हैं। प्रचलित किंवदन्तियों के अनुसार…

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वीर बर्बरीक श्याम तीर्थ, सीसला, कैथल

जनश्रुतियों के अनुसार इसी स्थल पर महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने घटोत्कच के पुत्र बर्बरीक का सिर दान में मांगा था जिसके बाद यह सिर पास के गांव…

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शनि कुण्ड, कैथल

यह कुण्ड सूर्य कुण्ड की उत्तर-पश्चिमी दिशा में स्थित है जिसका निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा करवाया गया था। इस तीर्थ को दिवाल वाला भी कहा जाता है। तीर्थ पर शनि…

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शुक्र कुण्ड, कैथल

स्थित पातालेश्वर नवग्रह कुण्डों में से एक इस कुण्ड का निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा करवाया गया था जो कि सूर्य कुण्ड के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। तीर्थ महादेव मन्दिर उत्तर-मध्यकालीन…

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बृहस्पति कुण्ड, कैथल

देव गुरु बृहस्पति को समर्पित इस ग्रह कुण्ड का निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा पर करवाया गया था जो कि नवग्रहों के मध्य में स्थित सूर्य कुण्ड की उत्तरी दिशा मे…

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बुध कुण्ड, कैथल

अन्य नवग्रह कुण्डों के साथ इस कुण्ड का निर्माण भी युधिष्ठिर द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के परामर्श पर करवाया गया था। नवग्रहों को समर्पित कुण्डों में यह कुण्ड, मुख्य सूर्य कुण्ड…

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सूर्य कुण्ड, कैथल

जनश्रुतियों के अनुसार महाभारत युद्ध में हुए जनसंहार से क्षुब्द युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण के परामर्श पर कुरु भूमि में नौ ग्रहों को समर्पित पवित्र कुण्डों का निर्माण करवाया था…

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त्रिसंध्या तीर्थ, ग्राम संधौली, कुरुक्षेत्र

त्रिसंध्या नामक यह तीर्थ सरस्वती नदी के एक पुरा प्रवाह मार्ग पर स्थित है। यहां से होकर सरस्वती पिहोवा नगर में प्रवेश करती थी। लोककथाओं के अनुसार इस तीर्थ पर…

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